नालंदा विश्वविद्यालय का आधुनिक संस्करण 2014 में आधिकारिक रूप से खोला गया था। इसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया था। यह पुनरुद्धार बिहार सरकार और भारत सरकार के सहयोग से हुआ, जो नालंदा की ऐतिहासिक धरोहर को पुनर्जीवित करने की एक बड़ी पहल थी।
नालंदा विश्वविद्यालय का आधुनिक परिसर बिहार के राजगीर में 455 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है। इसे पर्यावरण के अनुकूल और शून्य कार्बन उत्सर्जन परिसर के रूप में विकसित किया गया है। यहाँ की प्रमुख सुविधाओं में शामिल हैं।
- शैक्षिक ब्लॉक: जिसमें अत्याधुनिक कक्षाएं, शोध प्रयोगशालाएं और पुस्तकालय हैं।
- छात्रावास: यहाँ छात्र और शिक्षकों के लिए आवासीय सुविधाएं उपलब्ध हैं।
- पुस्तकालय: विश्वविद्यालय का पुस्तकालय डिजिटल और पारंपरिक दोनों रूपों में समृद्ध है।
- अनुसंधान केंद्र: विभिन्न विषयों पर गहन शोध के लिए विशेष केंद्र स्थापित किए गए हैं।
शिक्षा और संकाय
2024 तक, नालंदा विश्वविद्यालय में पांच प्रमुख स्कूल हैं:
1. ऐतिहासिक अध्ययन
2. पर्यावरण और पारिस्थितिकी अध्ययन
3. बौद्धिक अध्ययन
4. भाषाशास्त्र और साहित्य
5. सार्वजनिक स्वास्थ्य
यहाँ के शिक्षकों की संख्या लगभग 50 है, जो विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से आए हुए विद्वान हैं। वर्तमान में लगभग 500 छात्र विभिन्न पाठ्यक्रमों में नामांकित हैं।
पढ़ाई का तरीका
नालंदा विश्वविद्यालय में पढ़ाई का तरीका आधुनिक और अनुसंधान-आधारित है। यहाँ के पाठ्यक्रम वैश्विक मानकों के अनुसार तैयार किए गए हैं और छात्रों को प्राचीन और आधुनिक ज्ञान का सम्मिलन प्रदान करते हैं। शिक्षण पद्धतियों में कक्षाओं के साथ-साथ कार्यशालाएं, सेमिनार और इंटरैक्टिव सत्र शामिल हैं।
भविष्य की दृष्टि
नालंदा विश्वविद्यालय का भविष्य उज्ज्वल दिखता है। इसकी वैश्विक मान्यता और ऐतिहासिक महत्व इसे शिक्षा और अनुसंधान का प्रमुख केंद्र बनाते हैं। विश्वविद्यालय के विस्तार और नए विषयों के समावेश की योजनाएँ भी बनाई जा रही हैं। आने वाले वर्षों में यहाँ की छात्र संख्या और शिक्षकों की संख्या में वृद्धि की संभावना है।
वैश्विक राय
दुनिया भर के शैक्षिक विशेषज्ञ नालंदा विश्वविद्यालय के पुनरुद्धार को एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं। यह न केवल प्राचीन भारतीय शैक्षिक परंपराओं का सम्मान है, बल्कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली में भी एक नया मील का पत्थर स्थापित करता है। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी के कारण नालंदा विश्वविद्यालय का प्रभाव और प्रतिष्ठा लगातार बढ़ रही है।
नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास और वर्तमान उसे एक अद्वितीय शैक्षिक संस्थान बनाते हैं, जो प्राचीन और आधुनिक शिक्षा का संगम प्रस्तुत करता है। इसका भविष्य उज्ज्वल है और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए ज्ञान का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा। (अधिक पड़े)